रांची : अगर आप झारखंड में रहते हैं तो ‘हड्डी तोड़ बुखार’ का नाम आपने जरूर सुना होगा। यह बीमारी राज्य के विभिन्न जिलों में फैलती है लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिले में इसके मरीज हर साल अधिक देखने को मिलते हैं। अब आपके मन में सवाल आता होगा कि यह हड्डी तोड़ बुखार क्या है।
दरअसल, डेंगू को आम भाषा में ‘हड्डी तोड़ बुखार’ कहा जाता है। इसका कारण यह है कि इसमें आपके शरीर व जोड़ों का दर्द खूब होता है। कभी-कभार दर्द असहनीय हो जाता है। इसी तरह, चिकुनगुनिया भी होता है। ये बीमारी भी काफी खतरनाक मानी जाती है। इसी तरह, जीका बुखार, मायारो और पीले बुखार का भी आपने नाम सुना होगा। अब आपके मन में सवाल आता होगा कि यह बीमारी फैलती कैसे है? तो आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सारे जानलेवा बीमारी की जड़ सिर्फ एक मच्छर है,जिससे झारखंड कांपता है। अगर, इस मच्छर ने आतंक मचाया तो समझिए उसे रोक पाना स्वास्थ्य महकमे बस में भी नहीं रहता है।
इस मच्छर को खत्म करने के लिए राज्य में हर साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन इसके बाद भी यह मच्छर टाइगर की तरह घूमते हैं। दरअसल, इस मच्छर का नाम एडीज एजिप्टी है, जो पांच तरह की बीमारी फैलता है।
इस जिले में तेजी से फैल रहा ‘हड्डी तोड़ बुखार’
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में हर साल कोई न कोई बीमारी कहर बरपाती है। अभी यहां डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी को ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहते हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज के एक साथ पांच MBBS छात्र-छात्राएं डेंगू के चपेट में आ गए हैं।
इससे पूरे मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है। बाकी छात्र-छात्राएं भी सहमे हुए हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व ट्यूटर भी एंटी लार्वा के साथ-साथ फागिंग कराने की मांग कर रहे हैं।
अभी तक 35 डेंगू मरीजों की हो चुकी है पुष्टि
पूर्वी सिंहभूम जिले में अभी तक डेंगू के 35 मरीज सामने आ चुके हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में डेंगू मरीजों की संख्या इससे भी काफी अधिक है। शहर के जाने-माने चिकित्सक डा. विजय मोहन सिंह ने कहा कि अधिकांश मरीज शहर के विभिन्न निजी लैबों में डेंगू की जांच करा रहे हैं, जिसके कारण सही आंकड़ा सामने नहीं आ पा रहा है।
विभाग को इसके लिए कोई कदम उठाना चाहिए। ताकि सभी मरीजों का आंकड़ा एक जगह आ सकें। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकें।
एडीज मच्छर से फैलने वाले पांच तरह के बीमारियां कौन-कौन है
– डेंगू : एडीज मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है। ये मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। इसके लक्षण में पेट दर्द, सिर दर्द, हाथ-पैरों में तेज दर्द, शरीर पर दाने निकल आना, बुखार होना सहित अन्य शामिल हैं। अगर मरीज की स्थिति गंभीर हो जाए तो उसे तेज दर्द, बार-बार उल्टियां, लिवर बढ़ जाना, शरीर पर सूजन सहित अन्य परेशानी होती है।
–चिकनगुनिया : यह भी एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हैं। इसमें अचानक बुखार होना, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान सहित अन्य शामिल हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल किसी चिकित्सक से मिलकर परामर्श लेना चाहिए।
–जिका बुखार : यह भी इसी मच्छर के काटने से फैलता है। जीका बुखार के लक्षण भी लगभग इन दोनों बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। जीका बुखार के लक्षण में बुखार, शरीर पर दाने निकल आना, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, लाल आंखें और मांसपेशियों में दर्द होना सहित अन्य शामिल हैं। यह बीमारी काफी गंभीर माना जाता है।
–मायरो : यह बीमारी बहुत कम सुनने को मिलती है लेकिन यह भी एडीज मच्छर के काटने से ही फैलता है। मायरो वायरस रोग एक मच्छर जनित जूनोटिक बीमारी है।
– पीला बुखार : पीला बुखार को पीत ज्वर भी कहा जाता है। यह बीमारी भी इसी मच्छर के काटने से फैलती है। हालांकि, अब इसके कम मरीज सामने आते हैं। पीला बुखार में शुरुआती चरणों में बुखार होता है। इसके बाद मलेरिया व हेपेटाइटिस होने का भी खतरा रहता है। इसलिए यह बीमारी गंभीर माना जाता है।