जमशेदपुर : बगबेड़ा संजय नगर किताडीह निवासी विहिप नेता बबलू सिंह पर कातिलाना हमला के मामले में सुनवाई कर रहे एडीजे -2 अभास वर्मा की अदालत ने शनिवार को रेलवे ट्राफिक कॉलोनी के कुख्यात संजीत सिंह उर्फ छोटा रंजीत, गुप्तेश्वर गिरी उर्फ लेदा एवं अजीत साहू को सात साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने इन पर 35 -35 हजार रूपए का अर्थदण्ड भी लगाया है. पिछले शुक्रवार को अदालत ने मामले के 10 अभियुक्त को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया था।
बरी किए गए अभियुक्त में पप्पू घोष, राहुल राजभर, कैरेज कॉलोनी बर्मामाइंस के बसंत उपाध्याय, गांधीनगर बागबेड़ा के सूरज सिंह उर्फ सूरज बच्चा, विशाल कुमार, रामनगर बागबेड़ा का दीपक तिवारी, लाल बिल्डिंग बागबेड़ा का राकेश रजक, जुगसलाई का चमन कुमार, गाढ़ाबासा के सत्येंद्र सिंह, बंटी कुमार उर्फ बंटी चौधरी शामिल है. आरोपी कामदेव शर्मा उर्फ बॉडीगार्ड को अलग कर दिया गया है. मामले में अदालत के समक्ष कुल 9 लोगों की गवाही हुई थी।
घटना 9 सितंबर 2021 की सुबह 9 बजे की है….
बबलू सिंह का कहना था कि वह सिक्यूरिटी गार्ड का काम करता था साथ ही संजय नगर किताडीह मेन रोड पर गैस रिपयरिंग का दुकान भी चलाता था. घटना की सुबह वह घर पर था. दुकान पर उनका ससुर भरत लाल सिंह बैठे थे. तभी 10-15 की संख्या में अपराधी दुकान पर आए और उन्हें खोजने लगे. इस बात की सूचना ससुर ने उसे दी. 9 बजे वह नहा धोकर दुकान के लिए निकला की रास्ते में उसे रनिंग गार्ड रूम किताडीह के पास उसे सभी ने मिलकर घेर लिया. सभी हाथ में पिस्तौल और ईंटा – पत्थर था. घेरकर यह कहते हुए मारपीट करने लगा कि उनलोगों की बात नहीं सुनता है. इतने में अजीत, गुप्तेश्वर और संजीत ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।
गोली लगने पर वह गिर गया. आस पास के लोगों को आते देख सभी वहां से भाग गए. उसे पांच गोली लगी थी. गोली पेट में, दो गोली पैर में एक गोली पीठ में और एक गोली दाहिने जांघ में लगी थी. जख्मी हालत में स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया था. जहां उसकी इलाज के क्रम में मौत हो गया।
किन-किन धाराओं में सुनाया गया फैसला…
अदालत ने तीनों अभियुक्त को अलग-अलग धाराओं के तहत फैसला सुनाया है. अदालत ने आईपीसी की धारा 307/149 (जानलेवा हमला) में सात साल 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड लगाया है. अर्थदण्ड नहीं देने की स्थिति में छह माह के लिए अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया है. धारा 341/149 के तहत एक माह, तथा धारा 27 आर्म्स एक्ट के तहत पांच साल सश्रम कारावास और 10 हजार रूपए का अर्थदण्ड लगाया है. अर्थदण्ड नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी गई है. अदालत ने फैसले में कहा कि सभी सजांए साथ-साथ चलेगी. मालूम हो कि यह घटना अवैध धंधे में वर्चस्व को लेकर हुई थी. कुख्यात संजीत और अजीत झामुमो नेता रंजीत साव के भाई हैं।