नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत पर टैरिफ लगाने की बात कही है. ट्रंप ने कहा है कि वे हम पर टैरिफ लगाते हैं, हम उन पर टैरिफ लगाएंगे. डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएगा जितना भारत अमेरिकी सामान पर लगाता है. राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी में आमूल-चूल बदलाव कर रहे हैं. आक्रामक ट्रेड पॉलिसी अपनाते हुए ट्रंप ने कई बार कहा है कि वो किसी भी देश पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे जितना वो देश अमेरिकी सामान पर लगाता है. ट्रंप ने पद संभालते ही मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाया था. लेकिन मेक्सिको और कनाडा को उन्होंने एक महीने की मोहलत दे दी थी. एक महीने की ये मोहलत खत्म होने वाली है.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की. तब ट्रंप और पीएम मोदी के बीच टैरिफ को लेकर चर्चा हुई. भारत ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट जैसे अमेरिकी व्हिस्की पर टैरिफ कम कर दिया था. सुपर अमेरिकी बाइक हार्ले डेविडसन पर भी भारत ने टैरिफ कम किया था. तब ऐसा लगा था कि भारत को ट्रंप की कड़ी टैरिफ पॉलिसी से राहत मिलेगी. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ट्रंप ने टैरिफ का मसला एक बार फिर से छेड़ दिया है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमलोग जल्द ही रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं- वे हमलोग पर चार्ज करते हैं, हम उन पर चार्ज करेंगे. चाहे वो कंपनी हो या एक देश, जैसे कि चीन और इंडिया. हम फेयर होना चाहते हैं इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका भी वही टैरिफ लगाएगा जो भारत और चीन जैसे अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं.” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना चाहते थे, लेकिन तब तक कोरोना महामारी आ गई.
उन्होंने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं किया. हम कोविड महामारी आने से पहले ऐसा करने की तैयारी कर रहे थे.” बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी कहा था कि भारत में टैरिफ स्ट्रक्चर सबसे ज़्यादा है और इस देश में व्यापार करना मुश्किल है. तब ट्रंप ने कहा था, “परंपरागत रूप से, भारत इस मामले में सबसे ऊपर है. कुछ छोटे देश हैं जो वास्तव में इससे ज़्यादा टैरिफ लगाते हैं, लेकिन भारत बहुत ज़्यादा टैरिफ लगाता है. मुझे याद है कि जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरबाइक नहीं बेच पा रही थी, क्योंकि भारत में टैक्स बहुत ज़्यादा था, टैरिफ़ बहुत ज़्यादा था और हार्ले को वहीं निर्माण करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.”
बता दें कि भारत अमेरिका को स्टील, एल्युमिनियम, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पादों का बड़ा निर्यातक है. यदि अमेरिका भारत से आयात पर ऊंचे टैरिफ लगाता है, तो इन उत्पादों की कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ जाएगी, जिससे उनकी मांग घट सकती है. वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार था, जो कुल निर्यात का लगभग 17.7% हिस्सा था. टैरिफ बढ़ने से भारतीय निर्यात में 3-3.5% तक की गिरावट का अनुमान लगाया गया है. इससे विशेष रूप से अमेरिकी बाजार पर निर्भर छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) को नुकसान हो सकता है.
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