RANCHI : राजेंद्र आर्युविज्ञान संस्थान (रिम्स) की पुरानी बिल्डिंग की लिफ्ट में मंगलवार को दो बच्चे एक घंटे तक फंसे रहे. बच्चों में एक मरीज और दूसरा उसका छोटा भाई था. दोनों भाई लिफ्ट से चिल्ड्रेन वार्ड जा रहे थे. इसी दौरान लिफ्ट चलते-चलते फंस गयी. इसकी सूचना रिम्स प्रबंधन को दी गयी, लेकिन रेस्क्यू के लिए तत्काल सहायता नहीं मिल सकी.
एक घंटा बाद लिफ्ट से निकले बच्चे
जानकारी के अनुसार, वहां पर मौजूद लोगों ने कई बार लिफ्ट ऑपरेटर और इमरजेंसी नंबरों पर कॉल किया. बावजूद इसके लिफ्ट मैन और टेक्नीशियन देरी से पहुंचे. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उन्होंने बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. हालांकि, घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने मेंटनेंस करनेवाली कंपनी को नोटिस जारी किया है. इसमें सभी लिफ्ट की जांच और मरम्मत करने के निर्देश दिये गये हैं.
दरवाजे के सेंसर में गड़बड़ी
बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र से आये बच्चों को चिल्ड्रेन वार्ड में जाना था. वहां कोई लिफ्ट मैन नहीं था. लिफ्ट के अंदर जाते समय बच्चे के शरीर का कुछ भाग दरवाजे के बाहर ही था और दरवाजा बंद हो गया. किसी तरह से दरवाजों के बीच डंडा डालकर उसे अटका कर रोक कर रखा गया. अगर दरवाजे का सेंसर काम करता, तो यह हादसा नहीं होता.
मरीजों के लिए लगी लिफ्ट जर्जर, प्रबंधन की चकाचक
मालूम हो कि रिम्स की लिफ्ट कभी ठीक नहीं रहती है. रिम्स के पुराने भवन में दर्जनों लिफ्ट लगे हैं, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में सभी जर्जर हो चुके हैं. इससे पहले एमसीआई की टीम भी लिफ्ट में फंस चुकी है. रिम्स में केवल प्रबंधन और डॉक्टर्स के लिए लगी लिफ्ट चकाचक हैं.
