- राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
- सीबीआई, इनकम टैक्स सहित अन्य जांच एजेंसियों से जुड़े मामलों के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय बना नोंडल एजेंसी
Ranchi : गृह विभाग की जगह अब मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े मामलों को देखेगा. डीएसपीई एक्ट की धारा पांच और छह के मामलों को छोड़ कर केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े सभी मामले देखने की जिम्मेवारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को दे दी गयी है. कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना दादेल ने शनिवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के मुताबिक, सीबीआई, इनकम टैक्स सहित अन्य जांच एजेंसियों से जुड़े मामलों के लिए मंत्रिमंडल विभाग को नोडल डिपार्टमेंट बनाया गया है।
कार्यपालिका नियमावली में संशोधन को मिल चुकी मंजूरी
कैaबिनेट की बैठक में राज्य की कार्यपालिका नियमावली 2000 में संशोधन की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. इसके तहत अब ईडी, सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों को झारखंड के किसी भी अफसर, एमएलए या मंत्री के खिलाफ जांच करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को नियंत्रित कर सकेंगे राज्य
झारखंड सरकार ने नियमावली में संशोधन कर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को इस संदर्भ में शक्ति प्रदान कर उसे कानूनी रूप दिया है. संशोधन इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इसके जरिये सरकार ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकेगी. बताते चलें कि सीबीआई डीएसपीई एक्ट 1946 से नियंत्रित होती है. इस कानून की धारा पांच के अनुसार राज्य सरकार से संबंधित किसी मामले में जांच करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त करनी होगी.
कई राज्यों में सीबीआई की एंट्री पर प्रतिबंध
ईडी पीएमएलए एक्ट से नियंत्रित होती है. अब तक कई राज्यों ने सीबीआई की एंट्री पर प्रतिबंध लगा रखा है. अब तक जांच के लिए जिन राज्यों में लिखित अनुमति लेनी पड़ती थी, वहां विपक्षी पार्टियों की सरकार है. हालांकि हाल ही में भाजपा शासित मध्य प्रदेश ने भी राज्य सरकार से जुड़े मामलों की जांच में सीबीआई को कार्रवाई से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य किया है।