रांची : डुमरी विधायक जयराम महतो ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार 18-25 वर्ष की लड़कियों को 2500 रुपये प्रति माह देकर उन्हें आलसी बना रही है। उनका कहना था कि अगर यही राशि स्कॉलरशिप के रूप में दी जाए, तो लड़कियां उस पैसे का सही इस्तेमाल कर सकती हैं और उनका वास्तविक भला हो सकता है।
अनुपूरक बजट पर निशाना
जयराम महतो ने अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व में जो बजट की राशि निर्धारित की जाती है, वह खर्च नहीं हो पाती। ऐसे में अनुपूरक बजट का कोई औचित्य नहीं है। उनका आरोप था कि राज्य की सरकार दिशाहीन मुद्दों पर बजट का खर्च कर रही है और इसका कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है।
टीए, डीए भत्तों पर सवाल उठाते हुए जयराम महतो ने कहा
महतो ने कहा कि सदन में बैठे सभी माननीयों के बच्चों के बारे में जांच होनी चाहिए कि वे कहां पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही, उन्हें मिलने वाले टीए, डीए भत्तों और अन्य सुविधाओं का त्याग करना चाहिए। उनका मानना है कि नेताओं को इन भत्तों का त्याग करना चाहिए, ताकि आम जनता के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके।
जेपीएएसी-सीजीएल पर जयराम महतो की तीखी टिप्पणी
इसके बाद जयराम महतो ने जेपीएएसी-सीजीएल मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, “सांच को आंच कैसा”, यानि सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बावजूद आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि छात्र गड़बड़ी का प्रमाण दे रहे हैं, लेकिन आयोग इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रहा है। महतो ने यह भी कहा कि छात्र अपना आंदोलन जारी रखेंगे, चाहे कोई भी परेशानी आए।
बलिदानियों और आंदोलनकारियों के सम्मान की जरूरत
महतो ने अंत में कहा कि बलिदानियों का सम्मान होना चाहिए और आंदोलनकारी परिवारों को पांच प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगों को दी गई खाली जमीन को वापस लेने की भी मांग की।