रांची : चुनाव खत्म होने ही झारखंड में बालू माफियाओं की सक्रियता बढ़ गयी है. साथ ही बालू का अवैध उत्खनन रोकने जा रहे अफसरों पर हमला करने के साथ-साथ बंधक बनाने से भी बाज नहीं आ रहे हाल के कुछ दिनों में राज्य के अलग-अलग जिलों में इस तरह की कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है. जहां अवैध बालू का उत्खनन रोकने गयी अफसरों की टीम पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया, तो कहीं उन्हें घंटों तक बंधक बनाये रखा. लगातार.इन यहां कई घटनाओं का उल्लेख कर रहा है।
गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के धमनी के निकट बालू घाट पर छापेमारी करने गये सीओ को बालू माफियाओं ने तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा. इसकी जानकारी जब पुलिस को हुई तो पुलिस ने कार्रवाई कर सीओ को मुक्त कराया. इस बीच वहां बालू माफियाओं ने हंगामा करते हुए जब्त ट्रैक्टरों को छुड़ा लिया.यह घटना 16 दिसंबर को हुई है. इस मामले में सीओ प्रकाश बेसरा ने सुंदरपहाड़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
धनबाद में बालू माफिया ने खनन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया. घटना 19 दिसंबर सुबह की है. जब खनन विभाग की टीम अवैध बालू परिवहन की सूचना पर धनबाद व सरायढेला थाना क्षेत्र में छापामारी की. इस दौरान बालू माफिया ने खनन विभाग की टीम पर हमला कर दिया. जिससे दो खनन निरीक्षक गंभीर रूप से घायल हो गये, एक ने भाग कर जान बचाई।
पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र में अवैध रूप से बालू की तस्करी करने वाले माफियाओं ने 21 दिसंबर की खनन विभाग और पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया. खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम छापेमारी के लिए मौके पर पहुंची. पुलिस को देखते ही माफियाओं ने हमला कर दिया, जिससे खनन विभाग के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की जान खतरे में पड़ गयी., टीम ने सूझबूझ दिखाते हुए अपनी जान बचाई।
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