RANCHI: चार दिनों तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे, किच-किच और माथापच्ची और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दखल के बाद सोमवार को आखिरकार इंडिया गठबंधन में राजद और माले के बीच सीट का पेंच समाप्त हो गया है. नए सीट शेयरिंग फार्मूले तहत राजद को सात एवं माले को चार सीट दी गयी और जिस पर सहमति बन गयी. राजद को पिछली बार दी गयी बरकट्ठा सीट से ड्राप करके कांग्रेस अपने हिस्से की विश्रामपुर सीट देने को राजी हो गयी है. पिछली बार इस सीट से कांग्रेस के ददई दूबे चुनाव लड़े थे. अब राजद के हिस्से में गोड्डा, चतरा, हुसैनाबाद, विश्रामपुर, छत्तरपुर और देवघर सीट आई है. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में राजद के हिस्से बरकठ्ठा सीट थी.
पिछली बार की तरह ही राजद इस बार भी सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अगर माले की बात करें तो उसे गठबंधन की ओर से बगोदर, धनवार, निरसा और सिंदरी सीटें दी गयी हैं. जबकि माले की जमुआ सीट पर भी दावेदारी थी. मगर जमुआ सीट से भाजपा के सिटिंग विधायक केदार हाजरा का पार्टी से टिकट कटने और झामुमो ज्वाइन करने के बाद झामुमो के लिए जमुआ सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई है. जिसमें अंतत: हेमंत सफल रहे. समझौते के तहत अब झामुमो 41, कांग्रेस 29, राजद 07 और भाकपा माले 04 सीटों पर अपने प्रत्शाशी उतारेगी. हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
अंतत: भोक्ता आउट, केवल बहू लड़ेगी एससी सीट चतरा से
लाख प्रयास के बावजूद आखिरकार राजद कांग्रेस की आदिवासी आरक्षित सीट मानिका नहीं ले पाए. कांग्रेस किसी भी कीमत पर यह सीट देने को राजी नहीं हुई. ऐसे में हेमंत सरकार में राजद कोटे से इकलौते श्रम एवं उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता आउट हो गए. हालांकि पार्टी चाहे, तो अपने हिस्से में आई सामान्य सीट से भोक्ता को चुनाव लड़ा सकती है. मगर इससे पार्टी में विरोध होने की संभावना है, क्योंकि पहले ही चतरा एससी सीट से उनकी बहू रश्मि प्रकाश को पार्टी लड़ाने जा रही है. इसलिए केवल सात सीट में से दो सीट भोक्ता परिवार से ही लड़ाई जाएगी, इसकी इसकी संभावना नहीं है. बताते चलें कि भोक्ता जाति जो अनुसूचित जाति सूची में शामिल रही, उसे केंद्र सरकार ने अब अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर दिया है. इसलिए अब सत्यानंद भोक्ता एससी सीट से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. चूंकि उनकी बहू रश्मि प्रकाश अनुसूचित जाति से संबंध रखती हैं, इसलिए सत्यानंद भोक्ता ने अपनी बहू का नाम चतरा के लिए आगे कर दिया. सत्यानंद भोक्ता हेमंत सोरेन के बहुत करीबी मंत्री के रूप में जाने जाते हैं, इसके बावजूद वे मनिका सीट उनके लिए कांग्रेस से नहीं दिलवा पाए.
तेजस्वी चार दिनों से रांची में डाले रहे डेरा
शायद अपने राजनीतिक जीवन में राजद के राजकुमार और बिहार प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को पहली बार किसी चुनाव में सीट को लेकर इतनी मशक्कत करनी पड़ी. तेजस्वी यादव शुक्रवार की शाम को रांची आए. होटल रेडिसन ब्लू राजद के राजनीति का केंद्र बिंदु बना रहा. रविवार का दिन और सोमवार का दिन इंडिया गठबंधन और राजद के लिए काफी तनावपूर्ण एवं उतार-चढ़ाव वाला रहा. रविवार को पीसी का घोषित समय बढ़ाना पड़ा. पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने झामुमो और कांग्रेस को सोमवार को पहले सुबह 11 बजे तक समय दिया था. 11 बजे पार्टी कार्यालय में पीसी घोषित कर की गयी. मगर फिर इसे बढ़ाते हुए दिन के 1.30 बजे कर दिया गया. फिर सवा एक बजे पीसी को रद कर दी गयी. इस बीच सीएमओ के बुलावे पर तेजस्वी यादव और सांसद मनोज झा हेमंत से मिलने कांके रोड स्थित आवास पहुंचे. करीब 10 मिनट की वार्ता के बाद पुन: राजद नेता होटल वापस लौट गए. हेमंत सोरेन के लौटने के बाद पुन: राजद नेता सीएम हाउस पहुंचे. इसके बाद बात पटरी आ सकी.
विश्रामपुर से गिरिनाथ सिंह को सकते हैं पार्टी प्रत्याशी
विश्रामपुर से से पूर्व विधायक और मंत्री गिरिनाथ सिंह पार्टी प्रत्याशी हो सकते हैं. इसके पहले यह चर्चा थी कि अगर राजद के हिस्से यह सीट नहीं आई, तो गिरिनाथ सिंह निर्दलीय प्रत्याशी हो सकते हैं. मगर अब विश्रामपुर सीट चूंकि राजद के हिस्से में आती दिख रही है, तो गिरिनाथ का पार्टी प्रत्याशी होना तय माना जा रहा है.
जेल में बंद सुभाष यादव को कोडरमा से उतार सकती है पार्टी
राजद नेता सुभाष यादव जेल से ही चुनाव लड़ेंगे. इसकी चर्चा पार्टी में जोरों पर है. वे कोडरमा से राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरेंगे. सुभाष यादव राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिनों पहले उनको ईडी ने बालू से जुड़े गड़बड़ी मामले में गिरफ्तार किया था।