शाहजहांपुर : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने शुक्रवार को दोपहर में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के 3.5 किलोमीटर लंबे हिस्से पर अपनी बहुप्रतीक्षित लैंड एंड गो’ ड्रिल (विमानों का आगमन और प्रस्थान) की, जो देश की रक्षा तैयारियों में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर साबित हुई. इस एक्सप्रेस वे की खासियत यह है कि यह लड़ाकू विमानों को दिन और रात दोनों समय में उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करता है. अपनी इस अनूठी क्षमता के कारण यह देश में इस तरह की पहली हवाई पट्टी बन गई है. अब तक लखनऊ-आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर इसी तरह की आपातकालीन लैंडिंग ड्रिल की जा चुकी है, लेकिन वे दिन के समय तक ही सीमित थीं. विभिन्न स्कूलों के बच्चे और कुछ स्थानीय लोग भी एक्सप्रेसवे पर विस्मयकारी उड़ान प्रदर्शनों को देखने के लिए एकत्र हुए. इससे पहले जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, इस परीक्षण में राफेल, एसयू-30 एमकेआई, मिराज-2000, मिग-29, जगुआर, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, एएन-32 और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर सहित भारतीय वायुसेना के कई विमान शामिल हुए.
राज्य सरकार के अधिकारियों का मानना है कि अभ्यास की सफलता से यह भी पता चलेगा कि एक्सप्रेसवे आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक रनवे के रूप में काम कर सकता है, जिससे भारतीय वायुसेना का परिचालन संबंधी लचीलापन बढ़ेगा. इस एक्सप्रेसवे पर 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा और निगरानी को पुख्ता किया जा सके. इस कार्यवाही की निगरानी के लिए शीर्ष रक्षा और राज्य अधिकारी भी मौजूद थे.