इंदौर/मेरठ : अमित शाह केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री भारत सरकार व शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश व नरोत्तम दास मिश्रा गृह मंत्री मध्य प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद के आह्वान पर भगवान श्री परशुराम के अवतरण-स्थल जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) पहुंचे। जिनका पंडित सुनील भराला, संस्थापक संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद व निवर्तमान दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, केवी कृष्णन, राष्ट्रीय महामंत्री परशुराम राष्ट्रीय शोध व डॉ राजाराम यादव राष्ट्रीय महामंत्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ व पूर्व कुलपति वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय ने अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान व नरोत्तमदास मिश्रा को बुके भेंटकर व अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। तदोपरांत सभी ने भगवान परशुराम के दर्शन एवं पूजा अर्चना की। इसके उपरांत अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान व नरोत्तम दास मिश्रा ने राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के पदाधिकारियों के साथ भगवान परशुराम की जन्मभूमि का निरीक्षण कर उससे संबंधित पूर्ण जानकारी ली।
राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के पदाधिकारियों ने जानापाव (इंदौर) में भगवान परशुराम एकात्म विश्वविद्यालय जानापाव इंदौर का प्रस्ताव श्री अमित शाह जी सौंपा।
श्री अमित शाह जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि उपेक्षा और अज्ञानता के शाप से ग्रसित जिस जानापाव को देश तो क्या मध्य प्रदेश राज्य के जिला स्तर पर भी वह मान-सम्मान और पहचान प्राप्त नहीं थी, वही पुन्यस्थली जानापाव को अब पूरा देश जान गया है। शीघ्र ही विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त करेगा। जानापाव देश की दूसरी अयोध्या हो गई है, एक भगवान् राम की जन्म-स्थली, दूसरी विष्णु के छठें अवतार भगवान श्री परशुराम का विस्मृत पुन्य जन्म-स्थान।
श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री केवी कृष्णन जी ने बताया कि आज से आठ वर्ष पूर्व मेरठ में पंडित सुनील भराला जी, संस्थापक संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद व निर्वतमान अध्यक्ष / राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ भाजपा की पहल पर परशुराम स्वाभिमान सेना का जन्म हुआ। सेना के प्रमुख संस्थापको में श्री डी डी शर्मा, डी वी कपिल, श्री अजय भरद्वाज, और श्री धर्मपाल शर्मा की भूमिका महत्वपूर्ण रही। परशुराम स्वाभिमान सेना द्वारा मेरठ में आयोजित महाकुम्भ में करीब 20 हजार व्यक्तियों ने भाग लिया। कालांतर में सेना के सहयोग से राष्ट्रीय परशुराम परिषद का गठन हुआ। परिषद् ने राष्ट्रीय महत्व की अनेक उपलब्धियों के अतिरिक्त श्री परशुराम राष्ट्रीय शीच पीठ की स्थापना भी की है। जिसके राष्ट्रीय संयोजक श्री वेदवत तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के वी कृष्णन और राष्ट्रीय महामंत्री श्री राजाराम यादव (पूर्वकुलपति) के अथक परिश्रम का ही प्रतिफल है, कि हरिद्वार से लेकर वृन्दावन, वाराणसी, प्रयागराज पुरा महादेव, इंदौर, तिनसुखिया, अरुणाचल प्रदेश के कई स्थान इंदौर और जानापाव में सेमिनार्स, वर्कशॉप्स, दीर्घ सम्मलेन, धर्म संसद और शोधपत्र प्रस्तुति जैसे अनेक कार्यक्रम बार बार संपन्न हुए। इन कार्यक्रमों में उपस्थित देश के के जन्म, प्रतिष्ठित विद्वान् विचारक, दार्शनिक, मनीषी, ऋषि और धार्मिक गुरुओं की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में शोध पत्र पढे गए व शोध का केंद्र-बिंदु भगवान् परशुराम जन्म स्थान, कर्म-स्थली, उनके बारे में भ्रांतियां और वास्तविक जीवन संस्कार की सही तस्वीर खोजना रहा है।
परशुराम स्वाभिमान सेना के गठन से शुरू हुई यह यात्रा अब राष्ट्रीय परशुराम परिषद के रूप में आधिकारिक निर्णय उद्घोष करने की क्षमता प्राप्त धर्म ध्वजा वाहक संस्था बन चुकी है। यह उपलब्धि श्री सुनील भराला के साहसपूर्ण समर्पण और संगठनात्मक कला की अनूठी मिसाल है। मध्य प्रदेश के जिला इन्दोर का ग्राम जनापाव अचानक तब सुर्खियों में छा गया, जब
भगवान परशुराम के अवतरण दिवस 22 अप्रैल 2023 को पंडित सुनील भराला के
विशेष आमंत्रण पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी अपने
वरिष्ठ साथी राजनेताओं और प्रशंसकों के साथ भगवान परशुराम की अवतरण स्थली
जनापाव में आयोजित महायज्ञ में आहुति देने पहुंचे, माननीय श्री कैलाश विजयवर्गीय
देश के स्थापित भाजपा नेता का भी विशेष सहयोग रहा है…
अब 30 जुलाई को भारत सरकार के वरिष्ठ और यशस्वी गृह मंत्री माननीय श्री अमित शाह के प्रस्तावित आगमन से जानापाव को वैश्विक पहचान मिलेगी। उपेक्षा और विस्मृति के शाप से मुक्त होकर जानापाव उछल कर वैश्विक ऊँचाई पर स्थापित होगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से लक्ष्मण प्रसाद आचार्य महामहिम सिक्किम प्रदेश व महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा यतींद्र आनंद गिरि महाराज (हरिद्वार) व शिवप्रकाश सेनानी मिश्रा, राष्ट्रीय सह-संयोजक राष्ट्रीय परशुराम परिषद व कैप्टन द्विवेदी जी, प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद, रघुबर चौबे प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड राष्ट्रीय परशुराम परिषद व कपिल तिवारी प्रदेश महामंत्री मध्य प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद आदि मौजूद रहें।