भुवनेश्वर: ओडिशा में एक महिला ने अपने तीन महीने के जुड़वां बच्चों को कुएं में फेंककर पर मार डाला। महिला के बारे में संदेह है कि वह पोस्टपार्टम डिप्रेशन (प्रसवोत्तर अवसाद) से पीड़ित थी। पुलिस ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन महीने के जुड़वां बच्चों में एक लड़की और एक लड़का था। अंगुल जिले के पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने 27 वर्षीय तपस्विनी साहू को हत्या के एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपने बच्चों को बसाला गांव के मुंडाधिपी साही में घर के पीछे मौजूद कुएं में फेंका था। बच्चों का जन्म 11 अक्टूबर को हुआ था। महिला का पति सुनील एक छोटा व्यापारी है। जुड़वां बच्चे उनकी पहली संतान थे।
गुरुवार शाम को जब महिला दूध लेने के लिए बाहर गई थी तो उस वक्त दोनों बच्चे सो रहे थे। जब वह वापस आई तो बच्चे वहां नहीं थे। परिवार और उनके पड़ोसियों द्वारा काफी खोजबीन के बाद बच्चों के शव कुएं में तैरते हुए पाए गए। बच्चों को कुएं में तैरते देख हड़कंप मच गया। फौरन स्थानीय लोग उन्हें बंटाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया। इस बीच परिवार को बच्चों की हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। गुरुवार की सुबह महिला ने अपने पति के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया।
अंगुल के पुलिस अधिकारी रमाकांत महालिक ने कहा कि आरोपी और उसके पति को पिछले 12 वर्षों से कोई बच्चा नहीं हो रहा था। दंपति ने IVF के जरिए जुड़वां बच्चों के मां-बाप बने। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से तपस्विनी को मानसिक बीमारी हो गई थी और कुछ स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलें हो रही थीं। पूछताछ के दौरान उसने अपने जुड़वा बच्चों की हत्या करना स्वीकार कर लिया है। घटनाओं को समझने से पता चलता है कि महिला प्रसव के बाद होने वाले अवसाद से पीड़ित थी। कुछ दिनों से उसके परिवार वाले ये सब नोटिस कर रहे थे। लेकिन स्थिति बिगड़ती गई और महिला ने परिवार के सदस्यों की अनुपस्थिति में जुड़वा बच्चों को कुएं में फेंक दिया जिससे उनकी मौत हो गई। प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर हमने उसे गिरफ्तार कर लिया है।”
आरोपी की ननद ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से थकान की शिकायत कर रही थी क्योंकि बच्चे पूरी रात रोते थे। वह अक्सर अपनी जिंदगी खत्म करने की बात करती थी। वह कभी-कभी कहती थी कि बच्चे उसके नहीं हैं। हमने तब इसे गंभीरता से नहीं लिया। तपस्विनी और सुनील की शादी के 12 साल बाद जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था। महिला के जीजा ने कहा कि ये बच्चे पूरे परिवार में पहले बच्चे थे, इसलिए हर कोई खुश था। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि वह अपने बच्चों को मार सकती है। मैं उसके लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करता हूं।”