दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपना रुख दोहराया और दावा किया कि बाबरी मस्जिद को मुसलमानों से बहुत व्यवस्थित तरीके से छीन लिया गया था. सांसद के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है. उनके इस बयान को लेकर वीएचपी ने निशाना साधा है और कहा कि जल्द ही ओवैसी राम नाम जपेंगे. दरअसल, कर्नाटक के कालाबुरागी में पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर 1992 में मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया होता, तो मुसलमानों को यह नहीं देखना पड़ता कि वे आज कैसे हैं.
ओवैसी ने कहा, “मुसलमानों ने 500 साल तक बाबरी मस्जिद में नमाज पढ़ी. जब कांग्रेस के जीबी पंत उत्तर प्रदेश के सीएम थे, तब मस्जिद के अंदर मूर्तियां रखी गईं. नायर उस समय अयोध्या के कलेक्टर थे. उन्होंने मस्जिद को बंद कर दिया और वहां पूजा करना शुरू कर दिया. जब वीएचपी का गठन हुआ था तब राम मंदिर अस्तित्व में नहीं था.”
इसको लेकर वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एआईएमआईएम सांसद पर निशाना साधते हुए पूछा है कि पिछले 500 साल में क्या आपके पूर्वजों में से कोई भी अयोध्या आया है. वीएचपी नेता ने 1990 और 1992 के अयोध्या कांड के कारसेवकों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की.
उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी ब्रिटेन के बैरिस्टर हैं. उन्होंने मस्जिद को बचाने के लिए अदालत का रुख क्यों नहीं किया. वह सिर्फ अपनी राजनीति कर रहे हैं. इस मुस्लिम पार्टी को समझना चाहिए कि जल्द ही वे राम भक्त बन जाएंगे और राम नाम का जाप करेंगे.