BREAKING : नदी के दिशा बदलते ही वायनाड में भारी तबाही.. बह गए चार गांव.. चार घंटे में तीन भूस्खलन… 123 की गई जान.. 400 से अधिक लापता… बचाव कार्य युद्धस्तर पर…
केरल : वायनाड जिले में कुदरत की विनाशलीला से पूरा देश दुखी है. बारिश के बाद लैंडस्लाइड से हुए भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक 143 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 90 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि, बड़ी संख्या में लोगों को एनडीआरएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवान मलबे से निकाल चुके हैं. 128 लोग घायल बताए जा रहे हैं. वायनाड में मौसम अभी भी खराब है. भारी बारिश की वजह से रेड अलर्ट है. इसलिए रेस्क्यू टीम को काफी मुश्किल आ रही है. केरल सरकार ने त्रासदी के बाद दो दिन के शोक की घोषणा कर दी है।
पीड़ित परिवार मलबे में दबे अपनों को तलाश रहे हैं. ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली जा रही है. मुख्यमंत्री के मुताबिक जिस जगह (मुंडक्कई) पर यह भूस्खलन हुआ, वह उच्च जोखिम वाले आपदा क्षेत्र में आता है और वहां लोग नहीं रहते हैं. वहां से मिट्टी, पत्थर और चट्टानें लुढ़क कर चूरलमाला पर आ गईं, जो भूस्खलन की शुरुआत वाले स्थान से 6 किलोमीटर दूर है. यह कोई संवेदनशील स्थान नहीं है और यहां कई लोग सालों से रह रहे हैं. इसके मद्देनजर यहां बड़ी जनहानि हुई है।
वायनाड में मूसलाधार बारिश के बाद लैंडस्लाइड से कुदरत की ऐसी विनाशलीला शायद पहले किसी ने नहीं देखी. ड्रोन से ली गईं तबाही की तस्वीरें बर्बादी का मंजर बताने के लिए काफी हैं. चारों तरफ सैलाब का कब्जा दिख रहा है. भूस्खलन में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मलबा अभी भी लोगों के शव उगल रहा है. कई लोग अभी भी मलबे में दबे हैं. हादसे में 116 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों राहत और बचाव के काम में जुटी हैं. हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि, रेस्क्यू टीम को लोगों के शव निकालने में भी कड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।