सरायकेला की जनता ने पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन के हर फैसले में साथ देने का वादा किया
सरायकेला। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के स्वागत में आज पूरा सरायकेला सड़कों पर दिखा। जिला मुख्यालय पहुँचने पर गाजे-बाजे और पटाखों के धूम-धड़ाके के साथ सरायकेला की जनता ने टाइगर के हर फैसले के साथ खड़े रहने की बात कही।
सरायकेला से कई किलोमीटर पहले बाईक रैली तथा वहाँ पहुँचने के बाद काफी दूर तक पदयात्रा कर पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन ने अपने भविष्य के बारे में लोगों का मन टटोलना चाहा, तो जनता ने एकमत हाथ उठा कर, उनके हर फ़ैसले में साथ खड़े होने पर सहमति जताई।
सरायकेला टाउन हॉल में अपने समर्थन में लग रहे गगनभेदी नारों के बीच चम्पाई सोरेन ने मंच पर जाकर अपने पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार, अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील तथा यूसीआईएल जैसी कंपनियों के ख़िलाफ आंदोलन कर के, उन्हें हजारों लोगों को नौकरी देने के लिए बाध्य किया।
झारखंड आंदोलन के समय जंगलों एवं पहाड़ों की खाक छानने के घटनाक्रम को याद करते हुए वे भावुक हो गये। उपस्थित जन-समुह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौर में वे अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पाते थे, और उनके लालन-पालन का पूरा जिम्मा उनकी धर्मपत्नी ने निभाया।
उन्होंने कहा कि शुरू से लेकर आज तक राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, किसानों, गरीबों एवं मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहा हूँ और जीवन के इस नये अध्याय में भी यह संघर्ष जारी रहेगा।
अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने बताया कि फिलहाल नया संगठन बनाने अथवा किसी साथी से हाथ मिलाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जनता से राय लेने के बाद, एक हफ्ते में, इस दिशा में निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमने शुरू से जन-सरोकार की राजनीति की है और भविष्य के हर फ़ैसले में भी, जनता के हितों को प्राथमिकता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमने पहले दिन ही स्पष्ट किया है कि जो घर (झामुमो) हमने बनाया है, उसे नुकसान पहुँचाने या वहाँ से किसी व्यक्ति को तोड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं है। लेकिन आत्म-सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारे साथ झारखंड की जनता है, और जनता के सुझावों के आधार पर भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तय की जाएगी।
ज्ञात हो कि पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी के करने के बाद, उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई कयास जताये जा रहे हैं। इसके बाद से, वे लगातार कोल्हान के विभिन्न क्षेत्रों में, लोगों से मिल कर, रायशुमारी कर रहे हैं।