जमशेदपुर : पूर्व आजसू नेता मुन्ना सिंह उर्फ ब्रजेश सिंह को न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को कदमा थाना ने उन्हें 41A का नोटिस दिए बिना ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि, मामले में मुन्ना सिंह उर्फ ब्रजेश सिंह के अधिवक्ता ने जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि कदमा थाना ने राजनीतिक दबाव में एकपक्षीय कार्रवाई की है और उनके मुवक्किल को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया।
अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी से पहले 41A का नोटिस देना आवश्यक था, जिसे नजरअंदाज करते हुए पुलिस ने मुन्ना सिंह को सीधे गिरफ्तार किया। न्यायालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कदमा थाना को फटकार लगाई और पुलिस की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी। साथ ही, अदालत ने कदमा थाना को निर्देश दिया है कि वे दबावमुक्त होकर निष्पक्ष अनुसंधान करें।
यह मामला तब से चर्चा में है जब मुन्ना सिंह पर एक आदिवासी महिला और उसकी बेटी के साथ मारपीट और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे थे। मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप और वीडियो वायरल होने के बाद मुन्ना सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।
जज विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने अभियुक्त मुन्ना सिंह को बड़ी राहत देते हुए पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया….
फ़िल्मी अंदाज में नई धाराएँ जोड़ने का आवेदन लेकर पहुंची थी कदमा थाना के पुलिस पदाधिकारी ने मुन्ना सिंह पर पोस्को एक्ट की धाराएँ जोड़ने का आवेदन न्यायालय में समर्पित किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता रंजन बरियार ने जिरह करते न्यायालय को बताया की प्राथमिकी में न तो ये धाराओं के तहत एफआईआर हुआ है और ना ही सीआरपीसी 41A के तहत नोटिस दिया गया है। प्रतीत होता है कि राजनीतिक रंजिश की वजह से अभियुक्त को किसी दबाव की वजह से फंसाया जा रहा है। जज बिमलेश सहाय की अदालत ने अभियुक्त मुन्ना सिंह को पीआर बॉन्ड पर मुक्त करने का निर्देश दिया और फिलहाल पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है।