जमशेदपुर : कुछ लोगों को खुश करने के लिए सैकड़ों आम लोगों की परेशानी की अनदेखी करने का खेल शुरू हो गया है। यह खेल वर्षों से हो रहा है। बदले में अपनी राजनीति चमकानी है। वोट बैंक बनाए रखना है। भले जनता जाए भाड़ में। जी हां कुछ ऐसा ही नजारा इन दोनों जमशेदपुर में देखने को मिल रहा है। बात है साकची बाजार स्थित स्टेट माइल रोड पर फुटपाथ दुकानदारों की संख्या 40 50 के लगभग है, जो फुटपाथ पर कब्जा जमा कर पत्ते, पुराने कपड़े सहित अन्य सामान बेच कर अपना रोजगार चलाते हैं। वे बरसों से ऐसा करते आ रहे हैं। यह सही बात है, ऐसा करना उनकी मजबूरी है। उन्हें परिवार चलाना है। लेकिन सैकड़ों आम जनता की परेशानी की अनदेखी नहीं किया जा सकता। क्योंकि फुटपाथ पर इन दुकानदारों का कब्जा, ऊपर से जेनेसी द्वारा घोषित मोटर साइकिल स्टैंड का बनाए जाने से जाम की समस्या विकराल रूप ले चुका है।
इस सड़क पर वाहन से चलना तो छोड़िए, पैदल चलने में भी आपको काफी काफी संघर्ष करना पड़ता है। यह स्थिति जमशेदपुर के अनेक हिस्सों में देखने को मिलता है।अनेक बार उक्त फुटपाथ दुकानदारों के साथ लोगों का झगड़ा होते रहता है। अब जिला प्रशासन ने उक्त समस्या की ओर ध्यान दिया और कार्रवाई करते हुए फुटपाथ पर कब्जा जमाए दुकानदारों से मुकूट करा दिया। जिला प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के सहयोग से फूट पाथ का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इससे आम लोगों को जाम की परेशानी से निजात दिलाने का प्रयास शुरू हो चुका है। जो सराहनीय काम है। वही अब इस बात को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। पहल झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कर दी गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नगर अध्यक्ष हरगोविंद और अन्य नेता सड़क पर उतर आए हैं। इससे पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता आनंद बिहारी दुबे भी उक्त फुटपाथ दुकानदारों को लेकर आंदोलन कर चुके हैं।
इस आंदोलन के दौरान आजसू के लोग भी सड़क पर उतर चुके हैं। वही साकची स्थित काशीडीह चौक पर अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान बीजेपी भी आंदोलनरत रही है। विस्थापित हुए दुकानदारों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं का पुन: उपायुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। वे फुटपाथ पर दुकान लगाने या वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने पर प्रदर्शनकारी भूख हड़ताल करने की धमकी भी दे रहे हैं। इस दौरान कुछ और भी राजनीतिक के दल के लोग फूट पाट दुकानदारों के समर्थन पर धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।
यह तय है। सभी को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। उनको आम लोगों की परेशानी से सरोकार नहीं है। आवश्यकता है जिला प्रशासन विस्थापित हुए फुटपाथ दुकानदारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें और राजनीतिक दल के नेताओं को आम लोगों की परेशानी को समझे। साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त रहें इस बात को भी समझने की आवश्यकता है। बेवजह सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन करना आम लोगों के हित में नहीं है।