जमशेदपुर : झारखंड में मौसम तेजी से बदल रहा है। तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। चक्रवाती तूफान फेंगल का असर अगले एक सप्ताह तक बड़ी तेजी से दिखाई देगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन-चार दिनों में पारा 2-3 डिग्री नीचे आ सकता है। रात को आसमान में बादल छाये रहेंगे, वहीं दिन में कोहरा हो सकता है। वहीं शीत लहरी का भी असर कई जगहों पर दिख सकता है। दो दिसंबर के बाद मौसम में राहत महसूस होगी।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी और पश्चिमी भाग में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। हालांकि, इसका असर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में खास तौर पर देखा जाएगा और झारखंड में एकदम आंशिक प्रभाव होगा। यहां आने वाले दो-तीन दिन तक तेज हवाएं और भारी बारिश की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट संभव है और न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी संभव है.यानी दिन और रात के तापमान में कोई अधिक फर्क नहीं रह जाएगा।
मौसम केंद्र ने बताया है कि झारखंड का न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेंटीग्रेड हो गया है. अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस है. मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान गढ़वा झारखंड का सबसे सर्द जगह रहा. यहां का न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया गया।
तेज बारिश और होगा भूस्खलन….
मौसम विज्ञान के अनुसार चक्रवात फेंगल उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है और 30 नवंबर की सुबह तक इसके उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी तटों, विशेष रूप से पुडुचेरी के पास कराईकल और महाबलीपुरम तक पहुंचने की आशंका है। इसेस इन इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन होने की आशंका बनी हुई है।
चक्रवात फेंगल के कारण स्थानीय प्रशासन ने चेन्नई, पुडुचेरी, कराईकल चेंगलपट्टू और आसपास के कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। लोगों से आग्रह किया गया है कि अपने घरों में टॉर्च, बैटरी और पीने के पानी सहित इमरजेंसी मेडिकल किट साथ रखें।मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में चक्रवात फेंगल की स्पीड करीब 55 किलोमीटर प्रति घंटा है और वह चेन्नई की तरफ बढ़ रहा है।
चक्रवात के चलते कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, कुड्डालोर और तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया है। जिसका मतलब है कि इन इलाकों में मध्यम से तेज भारी बारिश होने की आशंका है। यहां ठंडी हवाएं चलेंगी, लोगों से अपील है कि वह अपने घरों में रहें। लोग मौसम के बारे में लगातार अपडेट लेते रहें। समुद्र के आसपास न जाएं।