रांची : हत्या और अपहरण जैसे संगीन मामलों में सजायाफ्ता मुजरिम समीर तिर्की गुरुवार को भारी सुरक्षा वाले जेल होटवार सेंट्रल जेल से फरार हो गया है। जेल प्रशासन को को कई घंटे बाद इस बात की भनक लगी और हड़कंप मच गया। तकरीबन 400 जवानों की सुरक्षा ऊपर से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बावजूद कैसे चकमा देकर शातिर अपराधी 22 फीट ऊंची जेल की दीवारों से निकल गया। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन जेल प्रशासन पुलिस महकमा और प्रशासन पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। हालांकि फरारी के बाद अब रांची और गुमला पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। वहीं, बॉर्डर को सील कर दिया गया है।
जहां 24 घंटे सख्त पहरा हो, चप्पे-चप्पे पर कानून के पहरेदार हों, कदम-कदम पर तीसरी आंख से निगरानी की जा रही हो।उस रांची सेंट्रल जेल से एक कैदी का भाग निकलना हर किसी को चौंका गया। बताया जा रहा है कि वह एक उग्रवादी संगठन से ताल्लुक रखता है। इतनी हाई लेवल सिक्योरिटी के बावजूद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से समीर तिर्की कैसे भाग निकला, इस बात का पता लगाने में जेल प्रशासन जुट चुका है। झारखंड के जेल IG सुदर्शन मंडल के अनुसार शुक्रवार सुबह हाजिरी के दरम्यान पता चला कि कैदी समीर तिर्की जेल में नहीं है। जांच की गयी तो खुलासा हुआ कि वह बीते गुरुवार को शाम करीब सात बजे ही जेल से भाग चुका था। जेल अधिकारियों को उसके भागने की भनक तक नहीं लगी। कैदी के जेल से भाग निकलने की फैली खबर के बाद रांची सेंट्रल जेल में तहलका मच गया। वहीं, उसे खोजने की कवायद शुरू हो गयी। IG ने बताया कि समीर तिर्की उर्फ शाकिर तिर्की मर्डर के एक मामले में साल 2018 से जेल में बंद था। वह गुमला का रहने वाला है। इस चलते रांची और गुमला पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। वहीं, बॉर्डर को सील कर दिया गया है।
बता दें कि वर्ष 2013 में एक व्यक्ति की अपहरण कर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने उसे गुमला जेल भेजा था। 29 जुलाई 2018 को गुमला जेल से उसे होटवार जेल ट्रांसफर किया गया था। कैदी के भागने का खुलासा तब हुआ जब सुबह गिनती में एक कैदी कम मिला।
बताया जा रहा है कि जेल प्रशासन ने जेल के वार्ड नंबर 12 में शाम 6 बजे के बाद अन्य कैदी को वार्ड में बंद करने और सुबह 6 बजे बाहर निकालने का जिम्मा भी समीर को ही दे रखा था।
जेल प्रशासन ने जेल के वार्ड नंबर 12 में शाम 6 बजे के बाद अन्य कैदी को वार्ड में बंद करने और सुबह 6 बजे बाहर निकालने का जिम्मा भी समीर को ही दे रखा था।
कैदियों का वार्ड में बंद करने की मिली थी जिम्मेदारी….
जेल प्रशासन ने जेल के वार्ड नंबर 12 में शाम 6 बजे के बाद अन्य कैदी को वार्ड में बंद करने और सुबह 6 बजे बाहर निकालने का जिम्मा भी समीर को ही दे रखा था। ऐसे में समीर ने सभी कैदी को गुरुवार शाम 6 बजे के बाद वार्ड में तो बंद कर दिया लेकिन खुद हाथ-पैर धोने के बहाने पास में लगे नल के पास गया। वहां से चारदीवारी के पास पहुंचा और रात लगभग 9 बजे केबल तार के सहारे 22 फीट ऊंची दीवार फांद कर भाग निकला। इसके बाद प्रभारी जेलर देवनाथ राम शाम लगभग 5 बजे खेलगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
होटवार जेल में सुरक्षा व्यवस्था काफी टाइट रहती है।अंदर-बाहर तीन शिफ्ट में 400 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। जेल सुपरिंटेंडेंट और जेलर के अलावा हवलदार व जमादार भ्रमण करते हुए सुरक्षाकर्मियों की मॉनिटरिंग करते हैं। बाउंड्री के आस-पास भटकने वाले कैदियों को तुरंत टोका जाता है। इसके अलावा जेल परिसर में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे निगरानी की जाती है। इसके बावजूद कैदी फरार हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी।
गुमला के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 31 जनवरी 2022 को हत्याकांड में दोषी मानते हुए समीर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा समीर पर 70 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया था। सजाए सुनाए जाने के बाद से समीर होटवार जेल में बंद था। जेल मैनुअल के अनुसार उसे जेल पार्क की रखवाली का जिम्मा दिया गया था। उसने इस काम में जेल प्रशासन का विश्वास जीता और फरार हो गया।
इधर जेल एआईजी तुषार गुप्ता का कहना है कि एक कैदी भागा है। लेकिन वह कैसे और कब भागा, इसकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ बता पाना संभव होगा। जांच में अगर कोई दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बहरहाल इतनी सुरक्षा व्यवस्था कैमरों की निगरानी के बावजूद समीर तिर्की फिल्मी स्टाइल में पुलिस प्रशासन जेल प्रशासन को चकमा देकर कैसे भाग गया और अब तक 36 घंटे के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है यह चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस प्रशासन जेल प्रशासन पर सवालिया निशान लगा हुआ है।
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