RANCHI : झारखंड पुलिस को अब एक और ताकत मिल गई है। अब झारखंड पुलिस ईडी की तर्ज पर आपराधिक कृत्य और प्रोसीड ऑफ क्राइम (पीओसी) से अर्जित चल-अचल संपत्ति जब्त कर सकेगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)- 2023 की धारा 107 के तहत कार्रवाई के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर पुलिस मुख्यालय में आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनायी गई थी। कमेटी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम से अर्जित संपत्ति को स्थायी रूप से जब्त करने को लेकर कार्रवाई से जुड़ी अनुशंसा बनाकर इसके लागू करने से जुड़ा प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के जरिए गृह विभाग को भेजा है। गृह विभाग के आदेश के बाद राज्य सरकार इस संबंध में कार्रवाई कर पाएगी।
पुलिस मुख्यालय कमेटी की अनुशंसा: पुलिस मुख्यालय ने अचल संपत्ति की जब्ती के मामले में भी मॉड्स तैयार किया है। जानकारी के मुताबिक, अगर अपराध के जरिए कोई अचल संपत्ति (जमीन) अर्जित की जाती है तो जिले के उपायुक्त से भी जमीन की विस्तृत रिपोर्ट ली जाएगी। इसके लिए 15 दिनों की डेडलाइन तय की गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित एसपी मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्रवाई के लिए पत्राचार कर सकते हैं। अबतक एनडीपीएस और नक्सल से जुड़े कांडों में भी पुलिस अपराध से अर्जित संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई करती थी।
कैसे जब्त की जाएगी अपराध से अर्जित संपत्ति
बीएनएसएस की धारा 107 के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति की जब्ती का प्रावधान है। यदि किसी केस में जांच पदाधिकारी को लगता है कि कोई संपत्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपराधिक गतिविधि से अर्जित की गई है तो इसकी जब्ती की प्रक्रिया की जा सकती है। जांच पदाधिकारी को 107 के तहत कार्रवाई के लिए पहले संबंधित एसपी से मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी के बाद एसपी इस संबंध में मजिस्ट्रेट को प्रस्ताव भेजेंगे। मजिस्ट्रेट की अनुमति से पुलिस चल या अचल संपत्ति जब्त कर पाएगी। ईडी में प्रोसीड ऑफ क्राइम से अर्जित संपत्ति एडुकेटिंग अथॉरिटी के आदेश से जब्त की जाती है।
