हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों का विरोध बढ़ता जा रहा है। कई दिनों से चल रहे इस प्रदर्शन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के लगाए बैरिकेड्स तोड़ दिए। वे मस्जिद की तरफ बढ़ने का प्रयास कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सभी को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है, लेकिन राज्य की शांति में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह मामला अदालत में है, और अगर मस्जिद का निर्माण अवैध पाया गया तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा, “कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा, और अगर निर्माण अवैध है, तो उसे हटाया जाएगा।”
प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स तोड़े जाने के बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारों का भी उपयोग किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिनमें कुछ लोग घायल हो गए। संजौली-ढली रोड पर स्थानीय लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारी मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि यह मसला अवैध निर्माण का है और इसे मस्जिद विवाद से जोड़ना गलत है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए इलाके में धारा 163 लागू की है, जिसके तहत 5 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने और हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध है। मंगलवार रात को पुलिस ने फ्लैग मार्च कर इलाके में शांति बनाए रखने का प्रयास किया।
विवाद की पृष्ठभूमि….
संजौली की यह मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले यह मस्जिद कच्ची थी, लेकिन 2010 में इसका पक्का निर्माण शुरू हुआ और 2024 तक इसे पाँच मंजिला बना दिया गया। नगर निगम को 2010 से ही इसके अवैध निर्माण की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन अब तक 35 बार अवैध निर्माण रोकने के आदेश दिए जाने के बावजूद काम चलता रहा।
अल्टीमेटम के बाद बढ़ा विवाद….
प्रदर्शनकारी मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने प्रशासन को दो दिन का समय दिया था। 31 अगस्त को मस्जिद के पास एक व्यक्ति के साथ मारपीट की घटना ने विवाद को और भड़का दिया। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध और तेज कर दिया।