विशेष रिपोर्ट : भाजपा ने लगभग 10 दिनों पहले अपने 195 लोकसभा उम्मीदवारों की सूचि पूरे देश में जारी की है जिसमें झारखंड की ग्यारह सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है. विगत कई महीनों से जिस तरह से पार्टी द्वारा कराए गये सर्वे की रिपोर्ट, अख़बारों के सर्वे कार्यकर्ताओं से की गई रायशुमारी की चर्चा थी उससे कई सांसदों के टिकट काटने की आशंका जताई जा रही थी।
कई सांसद इस डर में कई दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के पास भी अपनी पैरवी में जुटे थे. विशेष तौर पर पलामू, रॉची, दुमका, जमशेदपुर, हजारीबाग जैसे लोकसभा क्षेत्रों में स्पष्ट तौर पर सांसदों का टिकट कटने की बात आ रही थी। लेकिन घोषणा के बाद अब जब पार्टी फिर से सर्वे करवा रही है कि घोषित नामो पर लोगों की क्या राय है, तो कई क्षेत्रो में लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष की खबर मिल रही है।
एक केंद्रीय पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया केद्रीय नेतृत्व तक बाते पहुंची हैं. यह बात भी सामने आ रही है कि व्यापक तौर पर प्रदेश के चंद पदाधिकारियों ने सर्वे की रिपोर्ट को बदलकर केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है और उस रिपोर्ट को बदलने में और केंद्रीय नेतृत्व के सामने सर्वे से इधर अलग तस्वीर को पेश करने में जमशेदपुर और राँची सीट के लिए एक बडे उद्योगपति ने प्रदेश के एक वरीय पदाधिकारी के पास ऐसी कौन सी जुगत लगाई कि जिसके बाद आखिरी दौर में इन सीटो पर वर्तमान सासंदो को दुबारा टिकट दिया गया है। यह जांच का विषय …