जमशेदपुर : जमशेदपुर के कदमा उलीयान शहीद निर्मल महतो समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शहीद निर्मल महतो के 36 वें शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए, जमशेदपुर स्थित उनके समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि, इस दौरान सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया, मुख्यमंत्री ने कहा- अपने वीर शहीदों और आंदोलनकारियों के सपनों का बना रहे हैं झारखंड उन्होंने कहा झारखंडियों के मार्गदर्शक थे शहीद निर्मल दा, अदभूत थी उनके निर्णय लेने की क्षमता। झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में शहीद निर्मल दा के योगदान औऱ बलिदान को कभी भूल नहीं सकते।
हर चेहरे पर मुस्कान लाना हमारी प्रतिबद्धता…
उन्होंने कहा कि सरकार हर वह काम कर रही है, जो राज्य की जनता के मान- सम्मान और हक- अधिकार से जुड़ा है, हर चेहरे पर मुस्कान लाना हमारी प्रतिबद्धता है, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज वीर शहीद निर्मल महतो के 36 वें बलिदान दिवस के अवसर पर उलियान, जमशेदपुर में आयोजित शहादत दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर शहीद निर्मल महतो के समाधि स्थल में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक झारखंड रहेगा, शहीद निर्मल महतो अमर रहेंगे।
झारखंडियों के मार्गदर्शक थे शहीद निर्मल महतो
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुछ ऐसी चीजें हैं जो यहां के इतिहास में पत्थर की लकीर बन चुकी है । उन्हीं में से एक हैं शहीद निर्मल महतो। यह दिन एक ऐसा दिन है जब हमने एक ऐसे व्यक्तित्व को खोया था, जिनकी जगह कोई भी नहीं ले सकता। उन्होंने अपनी जिंदगी का जो भी वक्त झारखंड अलग राज्य के संघर्ष में दिया, उसे कभी भूल नहीं सकते हैं। वे सही अर्थों में झारखंडियों के मार्गदर्शक थे। कुशल संगठन और नेतृत्वकर्ता थे। उनके निर्णय लेने की क्षमता अद्भुत थी। उनके जो आदर्श हैं, उसे लेकर हम आज भी उन्हें जिंदा रखे हैं।
इस राज्य की भूमि ने कई कुर्बानियां दी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए यहां के आदिवासियों- मूलवासियों ने लंबा संघर्ष और आंदोलन किया। अनगिनत कुर्बानियां दी गई। लेकिन, अलग राज्य बनने के बाद पिछले 20 वर्षों में उनके बलिदान को राज्य में जो सम्मान और जगह मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल सकी। हमारी सरकार अपने वीर शहीदों और आंदोलनकारी के सपनों के अनुसार झारखंड का नवनिर्माण कर रही है।
अब आपके घर के दरवाजे पर पहुंच रही है सरकार
झारखंड अलग राज्य बनने के 20 वर्षों तक यहां के गरीबों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, मजदूरों और युवाओं की उम्मीदें टूटने लगी थी। लेकिन, जब से हमारी सरकार है , सभी की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का काम कर रहे हैं। आज सरकार आपके दरवाजे पर पहुंचकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रही है। अधिकारी आपके गांव में आकर आपको योजनाओं से जोड़ रहे हैं । हमने संकल्प ले रखा है कि इस राज्य के हर व्यक्ति तक विकास को पहुंचाएंगे, चाहे कितनी भी चुनौतियां सामने क्यों ना आए।
बड़े पैमाने पर हो रही नियुक्तियां, जो भी इसमें गड़बड़ी करेगा वह सलाखों के पीछे होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हो रही है। जितने पद पिछले 20 वर्षों में नहीं भरे गए उससे कहीं ज्यादा पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इन तमाम नियुक्तियों में गड़बड़ी नहीं हो परीक्षाओं में पारदर्शिता बनी रहे और जो होनहार है उन्हें नौकरी मिले इसके लिए सरकार ने एक कानून बनाया है । इस कानून के तहत जो भी प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ी करेगा या क्वेश्चन पेपर लीक करेगा वह जेल में होगा, चाहे वह कोई भी व्यक्ति , अधिकारी- कर्मचारी और संस्थान ही क्यों ना हो।