जमशेदपुर : कवि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की पुण्य तिथि मनाई गया इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा की ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जन्म बंगाल के मेदिनीपुर जिले के वीरसिंह गाँव में एक अति निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था।पिता का नाम ठाकुरदास वन्द्योपाध्याय था। तीक्ष्णबुद्धि पुत्र को गरीब पिता ने विद्या के प्रति रुचि ही विरासत में प्रदान की थी। नौ वर्ष की अवस्था में बालक ने पिता के साथ पैदल कोलकाता जाकर संस्कृत कालेज में विद्यारम्भ किया।
शारीरिक अस्वस्थता, घोर आर्थिक कष्ट तथा गृहकार्य के बावजूद ईश्वरचंद्र ने प्रायः प्रत्येक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। १८४१ में विद्यासमाप्ति पर फोर्ट विलियम कालेज में पचास रुपए मासिक पर मुख्य पण्डित पद पर नियुक्ति मिली। तभी ‘विद्यासागर’ उपाधि से विभूषित हुए। लोकमत ने ‘दानवीर सागर’ का सम्बोधन दिया। १८४६ में संस्कृत काॅलेज में सहकारी सम्पादक नियुक्त हुए; किन्तु मतभेद पर त्यागपत्र दे दिया। १८५१ में उक्त काॅलेज में मुख्याध्यक्ष बने। १८५५ में असिस्टेंट इंस्पेक्टर, फिर पाँच सौ रुपए मासिक पर स्पेशल इंस्पेक्टर नियुक्त हुए। १८५८ ई. में मतभेद होने पर फिर त्यागपत्र दे दिया। फिर साहित्य तथा समाजसेवा में लगे। १८८० ई. में सी.आई.ई. का सम्मान मिला।
इस अवसर पर मुख्य रूप से निम्न उपस्थित थे आदरणीय शशि भूषण पांडे , ट्रस्टी मेंबर प्रोफ़ेसर सुदीश कुमार, प्राचार्य जयदीप पांडे , शांति राम महतो , देव कृष्णा महतो,भगत लाल तेली , पवन कुमार महतो, दयामय महतो,अजय मण्डल,गौरव महतो, कृष्णा चंद्र महतो आदि मौजूद थे।