रंगदारी से परेशान व्यवसायियों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर रखा है। दो दिन पहले अनिश्चतकालीन हड़ताल की घोषणा के बाद बुधवार सुबह से ही धनबाद में बाजार बंद रहे। गल्ला दुकान से लेकर मॉल तक में ताले लटके रहे।
धनबाद : बढ़ते अपराध के खिलाफ जनाक्रोश साफ दिखा जब धनबाद शहर में बुधवार को व्यावसायिक व कारोबारी गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गईं। छोटे-बड़े कारोबारियों व प्रोफेशनल्स ने अपना काम स्वत: बंद रखा। बढ़ते अपराध एवं रंगदारी की घटनाओं के खिलाफ इस बंद का आह्वान धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से किया गया था।
छोटी दुकानों से लेकर मॉल तक में लटके ताले…
बाजार बंद कितना असरदार रहा यह इसी से समझा जा सकता है कि छोटी दुकानों से लेकर बड़े-बड़े मॉल तक बंद रहे। हर जगह ताला लटका नजर आ रहा था। बाजार बंद शुरू होने के बाद व्यापारियों ने बाइक रैली निकाल कर लोगों से अपराध के खिलाफ अपनी लड़ाई में सहयोग मांगा। चैंबर के इस आंदोलन के समर्थन में यहां के दवा व्यवसाइयों ने भी अपनी दवा की दुकानें बंद रखीं। अपराध के खिलाफ जनाक्रोश साफ नजर आया।
सामाजिक संगठनों ने भी दिया नैतिक समर्थन…
इस बाजार बंद का कई सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों ने नैतिक समर्थन दिया। दरअसल, धनबाद के व्यवसायियों को पिछले एक वर्ष से लगातार रंगदारी के लिए धमकी मिल रही है। एक दर्जन से ज्यादा व्यापारियों के घर एवं दुकानों पर अपराधी तत्व की ओर से गोलीबारी की जा चुकी हैं। इतना ही नहीं, डॉक्टरों से भी रंगदारी मांगी जा रही है। इससे परेशान व्यवसायियों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान किया।
चाय-पान तक को तरसे लोग….
बुधवार को सुबह से ही सड़कें वीरान होने लगीं और लोग चाय-पान तक को तरस गए। सभी छोटे-बड़े कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर रखे थे। दरअसल, दो दिन पहले ही धनबाद में व्यवसायियों ने अनिश्चतकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी थी। इसी घोषणा पर अमल करते हुए बुधवार सुबह से ही धनबाद की सभी सड़कें वीरान होने लगी। सभी बड़े बाजार, मॉल में ताला लटका रहा। चाय-पान की गुमटियां भी लगभग बंद रही।
व्यवसायियों ने निकाला जुलूस….
धनबाद के व्यापारी काफी लंबे समय से अपराधियों से अपनी सुरक्षा की मांग करते आ रहे हैं। बुधवार को बाजार बंद के दौरान धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका के नेतृत्व में व्यवसायियों ने बैंक मोड़ से बाइक जुलूस निकाला। हाथों में प्लेकार्ड लिए व्यापारी अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। साथ ही घूम-घूमकर हर वर्ग के लोगों से इस लड़ाई में सहयोग मांग रहे थे।