नई दिल्ली : कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी शादी करने जा रहा है. उसकी दुल्हन कोई और नहीं बल्कि राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी बनने वाली है. जिसे जुर्म की दुनिया में मैडम मिंज के नाम से भी जाता है. अपनी शादी का हवाला देकर काला जठेड़ी ने अदालत से पैरोल मांगी थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है. शादी के लिए उसे 12 मार्च को दिल्ली में और 13 मार्च को हरियाणा के सोनीपत में गृह प्रवेश के लिए 6 घंटे की कस्टडी पैरोल दी गई है. इस दौरान वो पुलिस के घेरे में रहेगा।
गैंगस्टर की शादी पर सेंट्रल एजेंसियों समेत 4 राज्यों की पुलिस भी नजर रखेगी. उसकी शादी दिल्ली में 12 मार्च को होगी. जबकि 13 मार्च को सोनीपत में गृह प्रवेश के लिए भी उसे पैरोल मिली है. काला जठेड़ी और उसकी गर्लफ्रेंड को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुलाई 2021 में सहारनपुर से गिरफ्तार किया था. काला जठेड़ी पर 7 लाख का इनाम था. उस पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कई मामले दर्ज हैं. लेडी डॉन अनुराधा कभी राजस्थान के कुख्यात डॉन रहे आनंदपाल के साथ जुड़ी हुई थी. मगर आनंदपाल का एनकाउंटर हो जाने के बाद वही उसका गिरोह चलाती थी. बाद में अनुराधा संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ काम करने लगी थी. फिलहाल, अनुराधा जेल से बाहर है और सोनीपत में संदीप उर्फ काला जठेड़ी के घरवालों के साथ रहती है।
साल 2023 में अनुराधा ने एक इंटरव्यू में साफ कर दिया था कि अब उसका क्राइम से कोई लेना देना नहीं है, अब वो सिर्फ एक हाउस वाइफ है और संदीप उर्फ काला जठेड़ी का घर संभाल रही है. अनुराधा अब नॉर्मल जिंदगी जीना चाहती है और जी भी रही है. अब आपको काला जठेड़ी के बारे में भी बता देते हैं. काला जठेड़ी का असली नाम संदीप उर्फ काला है. वह हरियाणा सोनीपत का रहने वाला है. उसके नाम के साथ जठेड़ी कब जुड़ गया ये तो पुलिस भी नहीं जानती. हालांकि पुलिस के पास उसकी और उसके गुर्गों की करतूतों की एक लंबी फेहरिस्त है. बताया जाता है कि काला जठेड़ी कभी दुबई तो कभी मलेशिया में बैठकर हिंदुस्तान में अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कुछ साल पहले काला जठेड़ी की दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई थी. उस दौरान उसके खर्चे भी बढ़ गए थे. अपने खर्चे पूरे करने के लिए उसने अपने मां बाप से पैसों की मांग की, लेकिन फिर भी उसके खर्चे पूरे नहीं हुए. इसके बाद उसने झपटमारी का काम शुरू कर दिया. काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली में पहला मुकदमा 29 सितंबर 2004 को दर्ज हुआ था. उस दिन जठेड़ी अपने साथियों के साथ सिरसपुर इलाके में एक शख्स का मोबाइल छीन कर भाग रहा था लेकिन पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में काला जठेड़ी के खिलाफ दिल्ली के समयपुर बादली में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन एक बार जेल से छूटने के बाद काला जठेड़ी ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया।
शुरुआत में काला जठेड़ी झपटमारी, लूटपाट और हत्या की कोशिश जैसी वारदातों को अंजाम दिया करता था, लेकिन देखते ही देखते जठेड़ी ने अपनी गैंग बना लिया और जबरन उगाही करने के साथ-साथ, वो विवादित संपत्तियों में दखल देने लगा. काला जठेड़ी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था. लेकिन वो इतना कुख्यात बन गया कि हरियाणा पुलिस ने काला जठेड़ी की गिरफ्तारी पर सात लाख का इनाम घोषित किया हुआ था. जानकारी के मुताबिक एक तरह से काला जठेड़ी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का भी मुखिया बना हुआ था और दिल्ली के अलावा राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहा था. बताया जाता है कि वो लॉरेंस के इशारे पर ही काम कर रहा था. विदेशों में मौजूद कुछ गैंगस्टर भी उसके संपर्क में थे।