जमशेदपुर : जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के अंतर्गत नक्शा विचलन कर बनी अवैध इमारतों से कब्जा हटाने के मामले की बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जमशेदपुर अक्षेस की ओर से दाखिल शपथ पत्र का शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने मनगढ़ंत बताते हुए इसका विरोध किया. साथ ही अदालत में दायर पूर्व के दस्तावेजों का हवाला देकर इसे गलत साबित किया. यह सुनने के बाद न्यायाधीश ने जेएनएसी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए दो सप्ताह में पूरा ब्यौरा समर्पित करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने अक्षेस के अधिकारियों से पूछा कि कितनी बहुमंजिली इमारतों का नक्शा स्वीकृत किया गया है? इनकी संख्या कितनी है? इनमें कितने में नक्शा का विचलन किया गया है? भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग है या नहीं? नक्शा विचलन करने वालों पर क्या कार्रवाई की गयी? जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने इन सारी बिंदुओं पर दो सप्ताह में ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया. बुधवार को सुनवाई के दौरान अक्षेस की ओर से जवाब दाखिल कर बताया गया है कि जमशेदपुर में सिर्फ 107 बहुमंजिली इमारते हैं, जो 15 मीटर से ऊंचीं हैं. इनमें से 46 के बेसमेंट या पार्किंग में अवैध निर्माण किया गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए 42 भवनों के बेसमेंट को खाली करा लिया गया है।