जमशेदपुर : सरकारी विद्यालयों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार सीखने व सीखाने की प्रक्रिया में जरूरी बदलाव लाकर ही किया जा सकता है । शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतरीन बनाने के लिए शिक्षकों को जरूरी पड़े तो पढ़ाने के तरीकों में बदलाव लाने होंगे, आरंभ से ही विद्यार्थियों की नींव मजबूत करने की दिशा में मेहनत करनी होगी। शिक्षा का सही उद्देश्य तथ्यों का नहीं बल्कि मूल्यों का सही ज्ञान होना है… ये बातें उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार ने जिले की उपायुक्त के निर्देशानुसार शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों तथा सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ जिला सभागार में आहूत बैठक में कही । बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निर्मला बरेलिया, सभी बीईईओ तथा शिक्षा विभागीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे । उन्होने इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के परिणामों पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि इस प्रदर्शन को और आगे बढ़ाते हुए अगले वर्ष जिला को पांचवें से नंबर एक पायदान पर लाना है । क्या किया उसे भूलकर अब कैसे करेंगे उसपर फोकस करें । हम सभी का सामूहिक प्रयास इस दिशा में हो कि अगले वर्ष एक भी बच्चा सेंकेंड या थर्ड डिविजन से नहीं बल्कि सिर्फ फर्स्ट डिविजन से पास करें ।
‘खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलें, बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति जगायें’
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में आत्मविश्वास जगे, पढ़ाई से दूर नहीं भागें, नियमित विद्यालय आएं, परीक्षा में बैठने का डर खत्म हो, बोर्ड परीक्षा के परिणामों में आशातीत सफलता मिले इस दिशा में उप विकास आयुक्त द्वारा जिले में प्रोजेक्ट ‘परख: पढा़ई और खेल’ की शुरुआत की गई । उन्होने इस प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि अब हर शनिवार को सरकारी विद्यालयों में साप्ताहिक टेस्ट लिया जाएगा जिसका प्रश्न पेपर जिला स्तर पर गठित कुशल शिक्षकों की टीम बनायेगी । उन्होने जिला शिक्षा पदाधिकारी को 50 शिक्षकों का एक पुल बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालयों के बेस्ट शिक्षकों का नाम प्राचार्य जरूर सुझायेंगे लेकिन शिक्षक अपनी स्वेच्छा से ही जुड़ना चाहें तो इससे जुड़ें, किसी पर कोई दवाब नहीं होगा । प्रारंभिक दौर में इसे 147 उच्च विद्यालयों के कक्षा 9, 10,11 एवं 12 में शुरू किया जाना है हालांकि अगले शनिवार को आयोजित होने वाला साप्ताहिक टेस्ट अभी सिर्फ 10वीं और 12वीं के कक्षाओं के लिए आयोजित होगी। जिला स्तर पर इस पूरे अभियान का गहन अनुश्रवण किया जाएगा।
उप विकास आयुक्त ने प्रोजेक्ट ‘परख: पढ़ाई और खेल’ के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इसमें अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। साप्ताहिक टेस्ट का रिजल्ट अगले सोमवार को देंगे जिसके मार्क्सशीट पर माता-पिता का हस्ताक्षर बच्चे करायेंगे। अंगूठा लगाने वाले माता-पिता को भी इस प्रोजेक्ट के तहत हस्ताक्षर करना सिखाया जाएगा । खराब प्रदर्शन करने वाले बच्चों को उनकी गलतियों से अवगत कराते हुए अच्छा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं, अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को स्कूल के सुबह के प्रार्थना के समय विद्यालय स्तर से सम्मानित किया जाएगा । इस मौके पर उनके माता-पिता को भी आमंत्रित करेंगे । 15 अगस्त तक अच्छा प्रदर्शन करने वाले बेस्ट 20 स्कूल तथा उनके बच्चों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
विद्यालय परिसर को रखें साफ-स्वच्छ, परिसर में करें पौधारोपण
उप विकास आयुक्त ने कहा कि बच्चे जब विद्यालय परिसर में आएं तो वहां के वातावरण से भी उन्हें कुछ न कुछ सीख मिले । विद्यालय परिसर को साफ-स्वच्छ रखें तथा प्राचार्य एवं शिक्षक कम से कम एक-एक पौधा जरूर लगायें। बच्चों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित करें। बच्चों के शारीरिक, मानसिक प्रगति का ध्यान रखते हुए खेलकूद की गतिविधि से भी जोड़ें। बच्चों में नैतिक मूल्यों का भी ज्ञान हो, परिवार, समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें इस दिशा में उनके नींव मजबूत करने की दिशा में कार्य करें । विद्यालय सिर्फ अटेंडेंस बनाने की जगह मात्र बनकर नहीं रह जाएं बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण का प्रयास करें ताकि बच्चे कल कुछ उपलब्धि हासिल करें तो आप शिक्षकों का योगदान भी वे नहीं भूलें। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यवहारिक शिक्षा भी मिले इसे सुनिश्चित करना है।